CBSE, ICSE 12th Board LIVE Updates: सुप्रीम कोर्ट में 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने वाली याचिका पर सुनवाई टली
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि वर्तमान स्थिति परीक्षा के आयोजन के हिसाब से सही नहीं है, लेकिन अगर परीक्षा को टाला गया तो परिणाम देर से आएंगे. इसका असर छात्रों की आगे की पढ़ाई पर पड़ेगा.
याचिकाकर्ता ने जब पीठ से कहा कि शीर्ष अदालत मुद्दे पर स्वत: संज्ञान ले सकती है तो पीठ ने कहा, “आशावादी बनें रहें. हो सकता है सोमवार तक कुछ समाधान निकल आए. हम सोमवार को इस पर सुनवाई करेंगे.” याचिका में केंद्र, सीबीएसई और आईएससीई को 12वीं की परीक्षा रद्द करने का निर्देश देने और निश्चित समय-सीमा में परिणाम घोषित करने के लिए “वस्तुनिष्ठ प्रणाली” निर्धारित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
सुनवाई की शुरुआत में, पीठ ने याचिकाकर्ता ममता शर्मा से पूछा कि क्या उन्होंने सीबीएसई का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील को याचिका की प्रति दी है या नहीं. याचिकाकर्ता ने जब कहा कि वह मामले के पक्षों को प्रति सौंपेंगी तो पीठ ने कहा, “आप यह करें. हम इस पर सोमवार (31 मई) को सुनवाई करेंगे.” पीठ ने कहा, “हम याचिकाकर्ता के वकील को याचिका की अग्रिम प्रति प्रतिवादियों- केंद्रीय एजेंसियों, सीबीएसई के वकील और आईएससीई को सौंपने की अनुमति देते हैं. इसे सोमवार को (31 मई) सूचीबद्ध करें.”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि देशभर में कोविड मामलों में वृद्धि के मद्देनजर 12वीं की कक्षा रद्द करने के निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर वह 31 मई को सुनवाई करेगा. यह मामला सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ के समक्ष आया था.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य में जुलाई अंत में 12वीं कक्षा और अगस्त मध्य में 10वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षाएं होंगी. उन्होंने कहा कि संबंधित बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों की जल्द घोषणा करेंगे. मुख्यमंत्री ने ‘‘हमने कोविड-19 संबंधी सभी नियमों का पालन करते हुए माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षाएं कराने का फैसला लिया है.’’
नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) और इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (ICSE) बोर्ड की 12वीं की परीक्षा रद्द करने की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी. अब इस मामले पर सोमवार को सुनवाई होगी. याचिका में परीक्षाओं को टालने की जगह सीधा रद्द करने की मांग की गई है. वहीं, आज परीक्षा टालने को लेकर कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई शिक्षा मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करेगा.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि वर्तमान स्थिति परीक्षा के आयोजन के हिसाब से सही नहीं है, लेकिन अगर परीक्षा को टाला गया तो परिणाम देर से आएंगे. इसका असर छात्रों की आगे की पढ़ाई पर पड़ेगा. इसलिए परीक्षा रद्द कर देनी चाहिए. छात्रों को अंक देने का कोई तरीका निकालना चाहिए, जिससे जल्द से जल्द रिजल्ट घोषित हो सके.
300 छात्रों ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को लिखा पत्र
वहीं 300 से ज्यादा छात्रों ने भारत के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना को परीक्षा के फिजिकल संचालन के प्रस्ताव को रद्द करने और पिछले साल की तरह एक वैकल्पिक मूल्यांकन योजना प्रदान करने के लिए एक पत्र लिखा है. हालांकि MoE के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि “अब तक मिले फीडबैक के आधार पर आम सहमति यह है कि परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए. जैसा कि शिक्षा मंत्री ने कहा है, एक जून तक 12वीं की परीक्षा को लेकर अंतिम फैसले की घोषणा की जाएगी.
दूसरी तरफ केंद्र सरकार से 12वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई शिक्षा मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करेगा. कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच छात्रों के स्वास्थ्य से जुड़ी आशंका के कारण एनएसयूआई 12वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग कर रही है.
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